What Does best hindi story Mean?

(एक) खजूर के वृक्षों की छोटी-सी छाया उस कड़ाके की धूप में मानो सिकुड़ कर अपने-आपमें, या पेड़ के पैरों तले, छिपी जा रही है। अपनी उत्तप्त साँस से छटपटाते हुए वातावरण से दो-चार केना के फूलों की आभा एक तरलता, एक चिकनेपन का भ्रम उत्पन्न कर रही है, यद्यपि अज्ञेय

सब को डरा कर वाह अपने को गली का सेट समझने लगा था। उसके झुंड में एक छोटा सा शेरू नाम का डॉगी भी था।

साधु की पुत्री - हितोपदेश की प्रेरक कहानियां

मोती ने गाय को गले लगा लिया, बचाने के लिए धन्यवाद कहा।

सिंहराज उसके लिए शिकार करता और भोजन ला कर देता।

इस बीच नए युवा कहानीकारों ने नए सिरे से बदले जीवन अनुभवों और बदले यथार्थ को अपनी कहानियों में समेटना शुरू किया है.

Ethical of the quick hindi story – Labor with smartness is The crucial element to results. Normally center on clever function.

समष्टि में इनके अर्थ हैं कि तू जीने योग्य है, तू भाग्योंवाली है, पुत्रों को प्यारी है, लंबी उमर तेरे सामने है, तू क्यों मेरे पहिए के नीचे आना चाहती है, बच जा."

नैतिक शिक्षा – दोस्त सुख-दुःख के साथी होते है। उनसे प्यार करना चाहिए कोई बात छुपाना नहीं चाहिए।

जमींदार को उसकी समस्या से निजात दिलाने के लिए एक साधु मदद के लिए आये । उन्होंने उसे लगातार तीन महीने तक एक पवित्र मंत्र का जाप करने के लिए कहा। तीन महीने तक जप करने के बाद जमींदार को एक जिन्न मिला गया। जिन्न ने बताया की उसे लगातार कुछ न कुछ करते रहना पड़ता है। अगर मालिक एक काम के खत्म होने के तुरंत बाद उसे दूसरा काम देने में विफल रहता है तो जिन्न उसे छोड़ देगा। लेकिन दूसरी तरफ अगर जिन्न ने कोई गलती की तो वह हमेशा के लिए जमींदार और उसकी पत्नी के साथ रहेगा। जमींदार बहुत खुश हुआ। जमींदार जो भी काम देता, जिन्न उसे मिनटों में ख़त्म कर लेता। पर एक दिन जमींदार की पत्नी ने जिन्न को ऐसा काम दे दिया जिसमे जिन्न से गलती हो ही गयी।

(एक) बड़े-बड़े शहरों के इक्के-गाड़ी वालों की ज़बान के कोड़ों से जिनकी पीठ छिल गई है, और कान पक गए हैं, उनसे हमारी प्रार्थना है कि अमृतसर के बंबूकार्ट वालों की बोली का मरहम लगावें। जब बड़े-बड़े शहरों की चौड़ी सड़कों पर घोड़े की पीठ चाबुक से धुनते हुए, इक्के वाले चंद्रधर शर्मा गुलेरी

किसी श्रीमान ज़मींदार के महल के पास एक ग़रीब अनाथ विधवा की झोंपड़ी थी। ज़मींदार साहब को अपने महल का अहाता उस झोंपड़ी तक बढ़ाने की इच्छा हुई, विधवा से बहुतेरा कहा कि अपनी झोंपड़ी हटा ले, पर वह तो कई ज़माने से वहीं बसी थी; उसका प्रिय पति और इकलौता पुत्र माधवराव सप्रे

ज्ञानरंजन ने अपनी 'घंटा' और 'बहिर्गमन' जैसी कहानियों के माध्यम से हिंदी कहानी लेखन को एक ऐसा नया गद्य दिया जिसकी मार और व्यंजना मध्यवर्गीय पात्रों के जीवन के तमाम विरोधाभासों को अभिव्यक्त करने का भाषिक click here हुनर कथाकारों को दिया.

एक दिन की बात है मोती बाजार से सामान लेकर लौट रहा था।

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